कुछ कहूँ

 बहुत समय से कहा तो कुछ नहीं , लेकिन जब मन करे कह सकते हैं आप, सोचना आरम्भ करना ही शुरुआत की निशानी हैं, सफर आसान होगा यह जरूरी नहीं, लेकिन चल पड़ेंगे तो मुश्किल भी नहीं, तो शुरू करते है।