ग़ज़ल

ग़ज़ल


तू हर दम साथ  है  सबके 
यह  सबूत दे  मुझे  मौला


 बहारें लौटेगी,  चमन महकेगा
 ऐसा मधुमास  दे मुझे  मौला


 तुम चलो, मैं चलूं , हम साथ हो  
 यकि करे विश्वास दे मुझे मोला 


बहुत  बातें हुई  अब चुप  ही रहो
प्रमाण पेश करू मौका दे मुझे मौला


अदालत दिल की लगा बैठे चौराहे में 
शराफत  का   लिबास दे  मुझे मौला


 मैं तड़फा , तुम  न तड़फों  चाहता हूं 
खुश  रख सकूं कि तलाश दे मुझे मौला