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ग़ज़ल


दुख  के पीछे सुख का आना होगा ही ,
अपने दिल को यह समझाना होगा ही.


आँधी हो और राह में मेरा घरौंदा हो ,
उन्हें यहाँ पांव तो टिकाना होगा ही .


दौड़ फरेबे  कहर है और यह दुनिया है ,
साथ किसी के सफर सुहाना होगा ही. 


राम करे तेरी शोहरत के चर्चे हो ,
नाम हमारा भी संग आना होगा ही .


चढ़ों बुलंदी पर हमको भी ले लेना ,
साथ तुम्हारे और जमाना होगा ही .


सुख में तो सारी दुनिया साथ चलती है,
 दुख में तुमको साथ निभाना होगा ही...........