ग़ज़ल
सफर में है तो मेरे सामने से गुज़रेगा,
वो है तूफान इसी रास्ते से गुजरेगा।
बदल लो रास्ते कई अगर कभी चाहो,
हर एक रास्ता बस दाहिने से गुजरेगा ।
भले न चाहो फिर भी प्यार रहेगा जिंदा ,
तमाम उम्र इसी हादसे से गुजरेगा ।
मेरी मौजूदगी ना होगी तो सोचा है कभी
तुम्हारा वक्त इंतजार ही से गुजरेगा ।
मैं थक गई हूँ राह देखते तेरी,
यह मौसमे बहार कब गली से गुजरेगा।