ग़ज़ल
जब मुहब्बत में वफ़ा होती है ,
वो अनोखी ही अदा होती है.
देखना है कि क्या हुआ आखिर ,
बात की तह में कज़ा होती है .
राह में कितने ही तूफान मिले ,
टूटते दिल में अना होती है .
हर कहानी का मिजाज है अपना,
हर कहानी ही जुदा होती है.
राह की ठोकरों से बचना है,
अपनी आँखों में ज़िया होती है.
बात चाहे करो या फिर न करो ,
खामोशी भी तो दवा होती है.........