ग़ज़ल
मुरादों में शामिल खुदाई रखा कर,
सदा दिल में अपने भलाई रखा कर.
झडी ख्वाइशों कि लगी ज़िंदगी में,
बचा कर कोई रहनुमाई रखा कर .
छला है बहुत ही जमाने ने हमको ,
मेरे नाम पर ना बुराई रखा कर.
भले साजिशें हम को कर दें अलग भी,
न हर पल लबों पे दुहाई रखा कर.
जमाना जो चाहे ये सर झुक न पाए,
कोई चीज भी न पराई रखा कर.
कभी दूरियों से न घबराओ मितवा,
मिलन आस दिल में समाई रखा कर.......।