ग़ज़ल
अरमानों से भरा है जीवन,
उत्सव का घेरा है जीवन।
फूलों भरी हो मेरी गलियाँ,
कांटो से कब बचा है जीवन ।
बस इतना वजूद है मेरा,
सांसो की सरगम है जीवन ।
साथ कोइ रहता हैं हरदम,
फिर भी सूना सूना जीवन।
पूरा करते काम मगर फिर ,
बाकी बच जाता है जीवन।
मुश्किलों से घबराना कैसा,
उलझन भी सुलझाता जीवन।
सदा चलो सीधी राहों पर,
तो भव पार लगाता जीवन।