हम अनुभवहीन होते हैं . जीवन का अनुभव लेकर नहीं आते, आने वाली घटनाओं का अनुभव नहीं होता, हम बेटा बेटी या मां-बाप , दोस्त रिश्तों का कोई क्लास लेकर नहीं आते , अतः हमें अनुभव नहीं होता कि किन - किन परिस्थितियों का सामना करना है और कैसे .
ऐसे ही हमारा पालन-पोषण करने वाले माता-पिता , परिवार का अहम रोल होता है लेकिन बुद्धि के विकास के साथ अगर हम अपना मानसिक संतुलन को बरकरार रखते हैं और समय को समझ जाते हैं तो हम अपने होने को स्थापित करने की ओर अग्रसर होते हैं , हर व्यक्ति किसी एक क्षेत्र का मास्टर नहीं हो सकता , सब में अलग-अलग प्रतिभा है उसी के तहत आने वाली चुनौतियों का सामना करना होगा, सफलता असफलता का स्वाद चखना होगा तभी तो जीवन आप को अनुभवी होने का खिताब देता है..