सुनो न.....

 


योग दिवस इसलिए है कि यदि आप इसे अनदेखा कर रहे हैं तो पुनः स्मरण करवा दिया जाए कि आप इतने अमृत क्षणों  को जीवन में गवा चुके हैं अत: एक ही दिन स्मरण कराने वाले अबोध सवालों का जवाब है  


आपके जीवन का उद्देश्य क्या है यह चिंतन का विषय है लेकिन जिस शरीर को लेकर आप आए हैं उसके प्रति आपका अपना कर्तव्य क्या है यह याद रखना आपका पहला ध्येय होना चाहिए ,  किन- किन बाधाओं से बचता ,  बचाता यह शरीर रूपी आवरण, आपकी आत्मा को सुरक्षित रखने के प्रयास में लगातार संघर्ष की भट्टी में दहकता रहता है,   हम उसके प्रयासों को सहर्ष स्वीकार कर,  शरीर का  साथ दे  तो कंचन काया की कहावत सार्थक होती है,  और हम ईश्वर द्वारा दिए घर रूपी शरीर को सहेज सकने में सफल होते हैं....