सफलता का पैमाना हर व्यक्ति का अलग होता है हमारे दिमाग में सफलता बड़ा नाम, काम , पैसा, पद तक ही सीमित है लेकिन नहीं, हर व्यक्ति की अपनी क्षमता व आवश्यकता के अनुसार सफलता मापी जाती है. एक पान की दुकान वाला अपनी दुकान में चारों तरफ कांच लगवाने का प्रयास, ग्राहकों से प्यार मोहब्बत से पेश आने तथा पान का स्वाद बरकरार रखने में उसकी सफलता है और अगर वह ऐसा कर पाया तो वह सफल है .
वही ग्रैजुएट को अच्छी नौकरी या नौकरी को बरकरार रखने के लिए समय पर आफिस पहुंचना, मन लगाकर काम करना और बास को खुश रखना , उसकी सफलता है.
कहने का तात्पर्य है कि सफलता का पैमाना हर व्यक्ति की योग्यता और आवश्यकता पर केंद्रित होता है हमें अपनी सफलता को परिभाषित करना होगा और समझना भी होगा.